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तेरे लहजे में लाख मिठास सही मगर,
मुझे जहर लगता है तेरा औरो से बात करना।
मेरा तुमसे अब रिश्ता कुछ ऐसा है,
ना नफ़रत है,ना इश्क़ पहले जैसा है।
पुराना समझकर छोड़ के जाने वाले,
नए दोस्त तेरे, तेरा ख्याल तो रखते है ना।
सिर्फ नाम की दोस्ती और काम की यारी,
दूसरों की तरह ये आदत नही हमार
#चाकू.. #खंजर.. #तीर.. और,
#तलवार.. लड़ रहे थे कि..,
कौन ज्यादा गहरा #घाव देता है,
#शब्द पीछे बैठे.. मुस्कुरा रहे थे..।
इंसान कहता है की पैसा आये तो मैं कुछ करके दिखाऊ,*
*और पैसा कहता है की तू कुछ करके दिखाए तो मैं आऊं*
👉 #सुन_पगले 👦 इतने ☝ भी प्यारे नही ☺ हो तुम, 😌 बस #मेरी_चाहत 💑 ने तुम्हे सर 👩 पर चढा रखा है..
👉 हमारा 👤 अंदाजा कोइ ना ❌ लगाए तो ही ठीक 🤗 रहेगा, क्योकी अंदाजा तो बारिश ⛈ का लगाया जाता है, तुफान 🌪 का नही
#हाथ की लकीरों #पर_नहीं,
बल्कि हाथ की #लकीरें बनाने वाले पर #भरोसा_करो ।।
मैं हर पल झूकी और लोग सज़दा समज बैठे..
मैंने बस इन्सानियत निभाई पर लोग खुद को खुदा समज बैठे...
आप कितने भी अच्छे क्यों ना हो*
*ऐसा कभी नहीं होगा कि आप से सभी खुश हो* 🍃
*हैसियत का क़भी...गुमान न करो..यारो...!!*
*उड़ान ज़मीन से शुरू....ज़मीन पे ख़त्म होतीं हैं....!!*
*कौन हिसाब रखे*
*किसको कितना दिया*
*और किसने कितना बचाया*
*इसलिए ईश्वर ने आसान गणित लगाया*
*सबको खाली हाथ भेज दिया*
*खाली हाथ ही बुल
तेरी #गली का सफर आज भी #याद है मुझे,
मैं कोई #वैज्ञानिक नही था पर मेरी #खोज लाजवाब थी..
उसके गाँव की तरफ जाती हुई
हर बारात से डर लगता है 😣
गए थे दरगाह पर चादर चढ़ाने ,
चढ़ानेवालों की कतार लंबी थी ,
एक फ़क़ीर के कंधों पर चादर रखी और उसने कहा ,
अल्ला तुम्हारी मुराद पूरी करे..
यतीमी साथ लाती है ज़माने भर की तकलीफ़ें..
सुना है बाप ज़िन्दा हो तो कांटे भी नहीं चुभते...!!
यूं तो औलादें चार थीं उसकी....
बच्चों ने मगर बुढ़ापे में.. लाठी थमा दी.. !!
बहोत संभलकर #फकीरो से #गुफ़्तगू करना
ये लोग #सुखी #नदी से #पानी मांग लेते है
तारीफ़ की चाहत तो नाकाम लोगों की फ़ितरत है_*
*_काबिल लोगों के तो दुश्मन भी कायल होते हैं ..!_*
नफरत करके क्यो बढ़ाते हो अहमियत किसी की!,*..
*माफ करके शर्मिंदा करने का तरीका भी तो कुछ बुरा नहीं!!*..
खुदा ने जब इश्क़ बनाया होगा,
तो खुद आज़माया होगा,
हमारी तो औकात ही क्या है,
इस इश्क़ ने खुदा को भी रुलाया होगा !!
वो मिटते मिटते 'मिट गऐ,*
*जिनको खुद पर गुमान था...!*
*वो डूबते - डूबते भी बच गऐ,*
*जिन पर प्रभु तूं मेहरबान था।*
*वो मिटते मिटते 'मिट गऐ,*
*जिनको खुद पर गुमान था...!*
*वो डूबते - डूबते भी बच गऐ,*
*जिन पर प्रभु तूं मेहरबान था।*
*जिंदगी भर 'सुख' कमाकर दरवाजे से घर में लाने की कोशिश करते रहे।*
*पता ही ना चला कि कब खिड़कियों से 'उम्र' निकल गई।
एक लड़की मुझसे बोली तुम तो पहले काले थे अब गोरे कैसे हो गए
👇
अब उसे कैसे बताएं कि पहले कोयले का बिजनस था मेरा अब आटे की चक्की है🤣
*हैरान बैठा हूँ वक़्त का धागा ले कर..*
*रूह को रफू करूँ, कि अपने खवाब बुनूं...*
मुझे तो रातभर ये
सोचकर नींद
नहीं आती कि..🤤
पता नहीं मेरी वाली
खाना बनाना सीख रही होगी या
मुझसे ही बनवाएंगी..🤨✌🏿✔
आसमां में निशाना लगाएं रखिए..
मगर जमीं पर पांव जमाए रखिए....!!
जिन्दगी की दौड़ में, तजुर्बा कच्चा ही रह गया,
हम सीख न पाये 'फरेब' और दिल बच्चा ही रह गया..